फिल्म : दूल्हे राजा
किस सन में रिलीज़ हुई : 1998
किसने कहा : के के सिंघानिया (कादर ख़ान)
किससे कहा : बांके (जॉनी लीवर)
सम्वाद लेखक : अनवर ख़ान
गोविन्दा साहब इस वक़्त पूरे फ़ॉर्म में थे. जिसे छू लेते थे सोना हो जाती थी. फ़िल्म की कहानी बहुत ही सरल है. एक ढाबे वाला, राजा, एक पांच सितारा होटेल के अहाते में दुकान लगा के बैठा है. और होटेल के मालिक की आंखों की किरकिरी बना हुआ है. पूरी फ़िल्म में सिंघानिया, उस ढाबेवाले राजा को हटाने के असफल प्रयास करता रहता है. और बस यही है फ़िल्म. सिंघानिया का मॅनिजर बांके छुप छुप कर राजा की मदद करता है. एक बार सिंघानिया को भी इसकी भनक लग जाती है. वो झल्ला कर पूछता है,
"तुम उसकी तरफ़ हो या मेरी तरफ़? "
बांके जवाब देता है
"सेठजी मैं तो आपकी तरफ़ हूं. "
पर ये कहते वक़्त वो अपनी उंगली राजा की तरफ़ तान देता है.
सिंघानिया उसकी उंगली की दिशा देखता है और उसकी नक़्ल उतारते हुए फिर पूछता है
"ये कैसा मेरी तरफ़ है"
ख़ैर लफ़्ज़ों से मैं इस दृश्य को बयान नहीं कर सकता. फ़िल्म ज़रूर देखियेगा.
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