फ़िल्म : कहानी
किस सन में रिलीज़ हुई : 2012
किसने कहा : मिस्टर दास (नित्य गांगुली)
किससे कहा : विद्या बागची (विद्या बालन)
सम्वाद लेखक : रितेश शाह
विकी डोनर, कहानी, पान सिंह तोमर और स्पेशल 26 जैसी फ़िल्मों में स्क्रिप्ट ही असली हीरो होता है. और मुझे ख़ुशी है कि ऐसी फ़िल्में हिन्दुस्तान में बनने लगी हैं और हिट भी होने लगी हैं.
एक गर्भवती औरत विद्या बागची अपने लापता पति की तलाश में कोलकता पहुंचती है. वो एक पुलिसवाले के साथ उस होटेल में जाती है जहां उसका पति ठहरा था. यानि होटेल मोनालीसा. वहां पहुंच कर उसे पता चलता है कि उसका पति तो वहां कभी ठहरा ही नहीं था. पर वो इस बात को मानने को तैयार नहीं होती और उसी कमरे में रहने की ज़िद करती है जिसमें (उसके अनुसार) उसका पति ठहरा था.
अगले दिन सुबह विद्या जब नहाने के लिए बाथरूम में जाती है, तो पाती है कि गर्म पानी उपलब्ध नहीं है. जबकि नीचे रिसेप्शन में 'रनिंग हॉट वॉटर" का बॉर्ड लगा हुआ था. झुंझला कर विद्या नीचे रिसेप्शन में शिकायत करने जाती है. अब देखिये उन दोनों की बातचीत.
"बिद्दा नहीं विद्या व व नॉट ब"
"आप जैसे बोलें बिद्दा मॅडम"
"कमरे में गर्म पानी नहीं आ रहा"
आगे जो बाते होती हैं सो होती हैं. मगर जिस लाइन का मैं मुरीद हो गया हूं वो है आख़री से पहले वाली लाइन. तो अगर आपको कभी किसी की बात नहीं माननी हो और उसे नाराज़ भी ना करना हो, तो ये लाइन इस्तेमाल करें. मैं बहुत सफलता से (लगभग 1 साल से) इस जुमले का इस्तेमाल कर रहा हूं.
आगे जो बाते होती हैं सो होती हैं. मगर जिस लाइन का मैं मुरीद हो गया हूं वो है आख़री से पहले वाली लाइन. तो अगर आपको कभी किसी की बात नहीं माननी हो और उसे नाराज़ भी ना करना हो, तो ये लाइन इस्तेमाल करें. मैं बहुत सफलता से (लगभग 1 साल से) इस जुमले का इस्तेमाल कर रहा हूं.
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